Saturday, January 30, 2010

kehna hai 2

एक  रिश्ता ऐसा भी
       रिश्ते ...क्या हो ते है ये रिश्ते ? क्या एक अकेला इन्सान अपनी पूरी जिंदगी अकेले नहीं बीता सकता इसीलिए होते है ये रिश्ते ? हर इन्सान  की जिन्दगीमे इसके अलग अलग माईने होते है.कोई रिश्तो के लिए जीता है तो कोई जिनेके लिए रिश्तोका सहारा लेता है .इन्सान रिश्तोके सिमित बंधन मैं बंध  के रह जाता है.माँ, बाप,भाई ,बेहेंन ये कुछ रिश्तोके अहम् पेहलु .लेकिन क्या इनके बावजूद भी और कही एसे रिश्ते होते है जो जिंदगी को उसके माईने दे जाते है.हमसे कुछ मांगते तो नहीं मगर बहोत कुछ दे जाते है. एसे कुछ रिश्ते मेरी भी जिंदगी से जुड़े है.जिंदगी में हर एक रिश्ते को एक नाम होता है .और जिस रिश्ते को कोई नाम नहीं होता उसे दोस्ती कहते है .मैंने भी कुछ एसे रिश्ते जिए है.मेरे पापा कहते है की जिन्दगीमे हर एक इन्सान कुछ सिखाता है.हम जिन्दगी मे जितने भी लोगोंसे मिलते है उन सबसे हमें कोई न कोई सिख मिलती है .किसीसे अच्छी बाते तो किसीसे बुरी .जितनी अच्छी  है उसे अपनालो , जितनी बुरी वो हमारे अन्दर कभी न आये इस बात का ध्यान रखो.मैंने भी ऐसे कई लोगों से कुछ सिखा है.
        मैं हमेशा सोचती थी की  मेरी ही जिन्दगी मे परेशानिया है .एक मै अकेलिही हु जो इनसे लढ़ रही हु .मगर जब भी मैं मेरी मावशी (जो मेरे घरमे काम करती है ) उसे देखती हु तो मेरा गम उसके दर्द के सामने दिखाई भी नहीं देता .आम तौर पर हर एक घरमे कामवाली बाई आती है और अपना काम करके चली जाती है.लेकिन मेरी मावशी हमारे घरका एक सदस्य है .और मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी.जैसे भी वो आती है हम दोनोकी मस्ती मजाक शुरू  हो जाता है .उसे मेरे हातकी बनी चाय बेहद पसंद है.और मुझे any time उसे चाय पिलाना अच्छा लगता है .मुझे सताती भी उतनाही है और प्यार भी करती है .कहती है मेरी शादी के बाद मेरा पति मुझे us भी लेजाये तो वो मेरे साथ चलेगी.जिंदगीमें लाख गम ही सही मगर जिन्दगि तो एक बारही मिलती है उसे हसके बिताओ ये बात  मैंने उसीसे सीखी  है .शराबी , निकम्मा  पति और दो जवान बेटोको सालोंसे पोस रही है .जवान बेटीकी शादीकी फ़िक्र है.१५ साल से उसे देखती हु लाख परेशांन सही लाख मजबूर सही मगर अपनी खुद्दारी कभी नहीं  छोड़ी .जब भी women power की बात आती है तब लोग इंदिरा गांधी ,सोनिया गांधी का example देते है .पढालिखा होके देश तो कोई भी चला लेगा मगर अनपढ़ होके एक अकेली औरत अपना पूरा परिवार संभालती है अपने बच्चोको well educated बनाती है  .क्या ये women power का example नहीं हो सकता? मै भी कई महिलाओ को अपना आदर्श मानती हु .लेकिन वो मेरा सबसे बड़ा आदर्श है.मैं भी जिन्दगीमे उसीकी तरह अपने परिवार की ख़ुशी के लिए हर मुमकिन कोशिश करुँगी और  साथ ही साथ उसके भी कई छोटे छोटे ख्वाब है.जिसे अपने  परिवार की जरूरतों के लिए उसने कुर्बान किये .जिन्दगीमे उसके लिए कुछ ना सही  लेकिन उसके ये ख्वाब पुरे करने की कोशिश  करुँगी .उसने अंजाने में  मुझे जो दिया उस एहसान को तो मैं उम्र भर चूका नहीं सकती लेकिन उसकी हर मुमकिन कोशिश करुँगी और गर्व से पूछूंगी  देखा है कही ? "'एक रिश्ता ऐसा भी" .

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